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			 बी ए - एम ए >> बीए सेमेस्टर-1 आहार, पोषण एवं स्वच्छता बीए सेमेस्टर-1 आहार, पोषण एवं स्वच्छतासरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-1 आहार, पोषण एवं स्वच्छता
आहार नियोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें
परिवार के लिए आहार का सुनियोजन करने के लिए मुख्य रूप से निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखना जरूरी होता है—
1. पोषण विज्ञान के सभी सिद्धान्तों की जानकारी एवं व्यावहारिक ज्ञान भोजन के पोषक तत्त्वों के उचित चयन के लिए होना जरूरी है। उचित आहार नियोजन हेतु पोषक तत्त्वों की प्रतिदिन की जरूरत का ज्ञान तथा इनकी पूर्ति करने वाले भोज्य पदार्थों के चयन का ज्ञान होना भी जरूरी है जिससे पौष्टिक एवं सन्तुष्टिदायक आहार का चयन हो सके।
2. भोजन में सभी भोज्य समूहों का प्रत्येक आहार में समावेश होना जरूरी है, जिससे सभी पोषक तत्त्व प्राप्त हो सकें।
3. बजट के अनुसार व्यय और व्यय सम्बन्धी मितव्ययिता।
4. आहार में पराठा, रोटी, पुलाव आदि तृप्तिदायक भोज्य पदार्थों का समावेश होना भी आवश्यक है अन्यथा आहार रुचिकर नहीं होगा।
5. उपलब्ध साधनों का सदुपयोग।
6. परिवार की रुचियाँ एवं प्रतिबन्ध।
7. एक ही समय के आहार में एक ही पोषक तत्त्व को महत्त्व नहीं दिया जाना चाहिए। प्रत्येक आहार में प्रोटीन, कार्बोज व वसा आदि सभी तत्त्वों को उचित स्थान देन चाहिए।
8. मुख्य आहार के बीच-बीच में जलपान आदि द्वारा प्राप्त पोषण का भी ध्यान रखना चाहिए। बेहिसाब कैलोरी लेना ठीक नहीं है।
9. व्यक्ति की पोषण सम्बन्धी विशेष आवश्यकता; जैसे शिशु, गर्भवती महिला, रोग आदि का भी ध्यान रखना चाहिए।
10. आहार नियोजन करते समय परिवार के सदस्यों के समय का भी ध्यान रखना आवश्यक है। बाहर खाना खाने के लिए लंच पैक बच्चों अथवा व्यक्ति हेतु तैयार करते समय यह ध्यान रखना आवश्यक है कि ठण्डा खाना भी भूख बढ़ाने वाला हो।
11. प्रतिदिन के भोजन में छिलके एवं रेशेयुक्त पदार्थ भी सम्मिलित किए जाने चाहिए; जैसे नाश्ते में दलिया, साबुत चने, राजमा, लोबिया आदि दोपहर के भोजन में और रात को मेथी, बथुआ, पालक आदि सब्जी के रूप में।
12. आहार नियोजन के समय ऐसी पाकविधियों का चयन करना चाहिए जिनसे पोषक तत्त्व कम-से-कम नष्ट हों।
13. परिवार की आय तथा आर्थिक स्थिति को भी ध्यान में रखकर आर्थिक नियोजन करना चाहिए। निर्धन परिवार महँगे फलों के स्थान पर सस्ते मौसमी फल, दूध के स्थान पर मट्ठा और चीनी के स्थान पर गुड़ का प्रयोग कर सकते हैं। प्रायः सस्ते और पौष्टिक पदार्थों का चयन करना उचित रहता है।
14. भोजनोपरान्त खीर, फल तथा आइसक्रीम लेने से मन प्रसन्न होता है।
15. प्रतिदिन एक-दो कच्चे फल और सब्जी का भी आहार में प्रयोग किया जाना चाहिए। पकाने से भोजन के पौष्टिक तत्त्व नष्ट हो जाते हैं। सलाद के रूप में इनका प्रयोग लाभकारी होता है। उनमें उपस्थित सेलुलोस आँतों की गतिविधि बनाए रखता है तथा पेट को भी साफ रखता है।
16. खनिज लवण एवं विटामिन इस रूप और मात्रा में होने चाहिए, जिससे उनका अधिक पोषण हो सके।
17. पोषक तत्त्वों की एक-तिहाई आवश्यक मात्रा नाश्ते में एक-तिहाई दोपहर तथा एक-तिहाई रात्रि के भोजन द्वारा प्राप्त होनी चाहिए। पौष्टिक नाश्ता दिनभर स्फूर्ति और शक्ति प्रदान करता है।
						
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 - कुपोषण के लक्षण
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 - सन्तुलित आहार के लिए प्रस्तावित दैनिक जरूरत
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 - वसा में घुलनशील विटामिन्स
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 - जल (पानी )
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 - प्रसवपूर्व पोषण (0-280 दिन) गर्भावस्था के दौरान अतिरिक्त पोषक तत्त्वों की आवश्यकता और जोखिम कारक
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 - शिशु को दिए जाने वाले मुख्य अनुपूरक आहार
 - वस्तुनिष्ठ प्रश्न
 - 1. सिर दर्द
 - 2. दमा
 - 3. घेंघा रोग अवटुग्रंथि (थायरॉइड)
 - 4. घुटनों का दर्द
 - 5. रक्त चाप
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 - 7. जुकाम
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 - 9. निर्जलीकरण (डी-हाइड्रेशन)
 - 10. ज्वर (बुखार)
 - 11. अल्सर
 - वस्तुनिष्ठ प्रश्न
 - मधुमेह (Diabetes)
 - उच्च रक्त चाप (Hypertensoin)
 - मोटापा (Obesity)
 - कब्ज (Constipation)
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 - टाइफॉइड (Typhoid)
 - वस्तुनिष्ठ प्रश्न
 - राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाएँ और उन्हें प्राप्त करना
 - परिवार तथा विद्यालयों के द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा
 - स्थानीय स्वास्थ्य संस्थाओं के द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा
 - प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रः प्रशासन एवं सेवाएँ
 - सामुदायिक विकास खण्ड
 - राष्ट्रीय परिवार कल्याण कार्यक्रम
 - स्वास्थ्य सम्बन्धी अन्तर्राष्ट्रीय संगठन
 - प्रतिरक्षा प्रणाली बूस्टर खाद्य
 - वस्तुनिष्ठ प्रश्न
 

 
		 







			 

